तारे और सूर्य का परिवार – BSEB class 8th science chapter 13 Notes

तारे और सूर्य का परिवार, खगोल विज्ञान के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है। यह अध्याय हमें हमारे सौर मंडल और उसमें स्थित विभिन्न खगोलीय पिंडों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करता है। BSEB class 8th science chapter 13 Notes में हम तारे, सूर्य, ग्रह, उपग्रह, और अन्य खगोलीय पिंडों के बारे में अध्ययन करेंगे।

BSEB class 8th science chapter 13 Notes

इस अध्याय को समझने के बाद, हम इस बात की सराहना कर सकते हैं कि कैसे ब्रह्मांड में हर पिंड अपने आप में एक अद्वितीय इकाई है और कैसे सभी खगोलीय पिंड एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

Bihar board BSEB class 8th science chapter 13 Notes – तारे और सूर्य का परिवार

तारे :- तारे अत्यधिक गर्म और चमकीले खगोलीय पिंड होते हैं जो अपने अंदर हो रही नाभिकीय संलयन क्रियाओं के कारण ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इस ऊर्जा के परिणामस्वरूप तारे चमकते हैं और हमें प्रकाश देते हैं। तारे विभिन्न आकार, रंग और तापमान के हो सकते हैं। उनका जीवन काल भी भिन्न-भिन्न होता है, जो उनकी द्रव्यमान और अन्य भौतिक गुणों पर निर्भर करता है।

तारों का बनना :- तारे गैस और धूल के विशाल बादलों से बनते हैं जिन्हें नीहारिका (Nebula) कहा जाता है। जब नीहारिका के किसी हिस्से में गुरुत्वाकर्षण बल के कारण संपीड़न होता है, तो वहां पर द्रव्यमान का केंद्र बनने लगता है। यह केंद्र धीरे-धीरे गर्म होता जाता है और अंततः तारे का रूप ले लेता है। तारे के बनने की प्रक्रिया लाखों सालों तक चल सकती है।

सूर्य:- सूर्य एक तारा है जो हमारे सौर मंडल के केंद्र में स्थित है। यह पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा है और हमारे लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। सूर्य का व्यास लगभग 1.39 मिलियन किलोमीटर है और इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से लगभग 333,000 गुना अधिक है।

सूर्य का जीवन चक्र:- सूर्य का जीवन चक्र भी अन्य तारों की तरह ही है। यह नीहारिका से बना और अब यह मुख्य अनुक्रम (Main Sequence) अवस्था में है। मुख्य अनुक्रम अवस्था में तारे में हाइड्रोजन का हीलियम में संलयन होता रहता है। यह प्रक्रिया अरबों वर्षों तक चल सकती है। जब सूर्य में हाइड्रोजन समाप्त हो जाएगा, तब यह एक लाल दानव (Red Giant) में बदल जाएगा और अंततः एक श्वेत बौना (White Dwarf) बनकर अपने जीवन का अंत करेगा।

सौर मंडल:- सौर मंडल वह क्षेत्र है जिसमें सूर्य के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के अंतर्गत आने वाले सभी खगोलीय पिंड शामिल हैं। इसमें ग्रह, उपग्रह, क्षुद्रग्रह, धूमकेतु और अन्य खगोलीय पिंड शामिल होते हैं।

  • ग्रह:- सौर मंडल में कुल आठ ग्रह हैं जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। ये ग्रह हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण। इनमें से चार ग्रह – बृहस्पति, शनि, अरुण, और वरुण – गैस दानव कहलाते हैं, जबकि बुध, शुक्र, पृथ्वी, और मंगल पथरीले ग्रह होते हैं।
  • उपग्रह:- ग्रहों के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पिंडों को उपग्रह कहा जाता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है। अन्य ग्रहों के भी कई उपग्रह होते हैं, जैसे बृहस्पति के चार बड़े उपग्रह – आयो, यूरोपा, गेनीमेड, और कैलिस्टो।

अन्य खगोलीय पिंड:- सौर मंडल में ग्रहों और उपग्रहों के अलावा भी कई खगोलीय पिंड होते हैं। इनमें क्षुद्रग्रह, धूमकेतु, और उल्का शामिल होते हैं।

  • क्षुद्रग्रह क्षुद्रग्रह छोटे-छोटे पथरीले पिंड होते हैं जो मुख्यतः मंगल और बृहस्पति के बीच के क्षुद्रग्रह पट्टी (Asteroid Belt) में पाए जाते हैं। इनका आकार और द्रव्यमान ग्रहों की तुलना में बहुत छोटा होता है।
  • धूमकेतु:- धूमकेतु बर्फ, धूल और गैस से बने होते हैं। जब ये सूर्य के निकट आते हैं, तो इनका बर्फ पिघलने लगता है और एक लंबी पूंछ का निर्माण होता है। धूमकेतु की यह पूंछ उसे विशेष चमक देती है।
  • उल्का:- उल्का वे खगोलीय पिंड होते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय जलने लगते हैं। यदि ये पूर्ण रूप से नहीं जलते और पृथ्वी की सतह पर गिरते हैं, तो उन्हें उल्कापिंड कहा जाता है।

नक्षत्र और तारामंडल:- तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। ये नक्षत्र विभिन्न आकृतियों में दिखाई देते हैं। पुरानी सभ्यताओं ने इन नक्षत्रों का उपयोग समय का पता लगाने और दिशा निर्धारण के लिए किया था। तारामंडल खगोलीय नक्शों में तारों के समूह की विशिष्ट आकृतियों को दर्शाते हैं।

तारे और जीवन:- तारों का जीवन हमारे जीवन से अत्यधिक लंबा होता है। एक तारा लाखों से लेकर अरबों वर्षों तक जीवित रह सकता है। तारों का जीवन चक्र मुख्यतः चार चरणों में विभाजित होता है – प्रारंभिक अवस्था (Nebula), मुख्य अनुक्रम अवस्था, लाल दानव अवस्था, और अंत में श्वेत बौना या न्यूट्रॉन तारा/ब्लैक होल।

सुपरनोवा और न्यूट्रॉन तारे:- जब किसी विशाल तारे का जीवन समाप्त होने पर वह एक विशाल विस्फोट करता है, तो इसे सुपरनोवा कहा जाता है। इसके बाद तारा न्यूट्रॉन तारा या ब्लैक होल में बदल सकता है, जो ब्रह्मांड के सबसे रहस्यमयी पिंडों में से एक हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार, BSEB class 8th science chapter 13 Notes में हमने तारे, सूर्य, ग्रह, उपग्रह और अन्य खगोलीय पिंडों के बारे में विस्तार से अध्ययन किया। तारे और सूर्य का परिवार एक विशाल और जटिल संरचना है, जो खगोल विज्ञान के अध्ययन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह अध्याय हमें हमारे ब्रह्मांड की गहरी समझ और उसमें हमारे स्थान के बारे में जागरूकता प्रदान करता है।

bihar board class 8 science notes समाधान हिंदी में

क्र० स ० अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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