पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता) BSEB class 8th science chapter 12 Notes

जैव विविधता पृथ्वी पर पाई जाने वाली सभी प्रकार की जीवित प्रजातियों की विविधता को संदर्भित करती है, जिसमें पौधे, जन्तु, सूक्ष्मजीव, और उनके पारिस्थितिक तंत्र शामिल होते हैं। यह पृथ्वी के समृद्धि और संतुलन को बनाए रखने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता) BSEB class 8th science chapter 12 Notes

BSEB class 8th science chapter 12 Notes में “पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण” पर विशेष जोर दिया गया है, जिसमें जैव विविधता के महत्व और इसके संरक्षण के तरीकों को विस्तार से समझाया गया है। इस लेख में, हम इस अध्याय के प्रमुख बिंदुओं को समझने की कोशिश करेंगे।

पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण – BSEB class 8th science chapter 12 Notes

जैव विविधता हमारी धरती के जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हमारे जीवन के कई पहलुओं में योगदान करती है, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:

  • पर्यावरणीय संतुलन: जैव विविधता पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखती है। विभिन्न प्रजातियाँ आपस में अंतःक्रिया करती हैं और एक दूसरे पर निर्भर होती हैं। यदि किसी एक प्रजाति का अस्तित्व खतरे में होता है, तो इसका असर पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ सकता है।
  • भोजन और औषधियाँ: हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले अधिकांश खाद्य पदार्थ और औषधियाँ जैव विविधता पर निर्भर होती हैं। उदाहरण के लिए, पौधे हमें अनाज, फल, सब्जियाँ, और जड़ी-बूटियाँ प्रदान करते हैं, जबकि जानवर हमें मांस, दूध, अंडे आदि प्रदान करते हैं।
  • आर्थिक और सामाजिक लाभ: जैव विविधता पर्यटन, कृषि, मत्स्य पालन, और अन्य उद्योगों के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करती है। यह रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान करती है।
  • जलवायु परिवर्तन: जैव विविधता जलवायु को स्थिर रखने में मदद करती है। वनों के माध्यम से कार्बन का अवशोषण होता है, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव कम होता है और जलवायु परिवर्तन की गति धीमी होती है।

पौधों का संरक्षण:- पौधे न केवल पृथ्वी के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि वे भोजन, औषधियाँ, और आवास भी प्रदान करते हैं। पौधों का संरक्षण आवश्यक है ताकि हम अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधन संरक्षित कर सकें। पौधों के संरक्षण के कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं:

  • वन संरक्षण: वनों की कटाई को रोकना अत्यंत आवश्यक है। वन न केवल पेड़-पौधों का आवास होते हैं, बल्कि वे जलवायु को नियंत्रित करने, मृदा को स्थिर रखने, और जल संसाधनों को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान: पौधों के संरक्षण के लिए विशेष क्षेत्रों का निर्माण करना आवश्यक है, जहाँ वे प्राकृतिक रूप से विकसित हो सकें। वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • वृक्षारोपण और पुनर्वनीकरण: वृक्षारोपण कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना चाहिए और नए पेड़-पौधे लगाने चाहिए। इससे वनों की कमी को पूरा किया जा सकता है और जैव विविधता को संरक्षित किया जा सकता है।
  • सामुदायिक भागीदारी: पौधों के संरक्षण में समुदायों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। स्थानीय समुदायों को वनों और पौधों के महत्व के बारे में जागरूक करना और उनके संरक्षण में शामिल करना आवश्यक है।

जन्तुओं का संरक्षण:- जन्तु भी जैव विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और वे पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जन्तुओं का संरक्षण निम्नलिखित उपायों से किया जा सकता है:

  • अवैध शिकार पर रोक: अवैध शिकार जन्तुओं की कई प्रजातियों के विलुप्त होने का मुख्य कारण है। इसे रोकने के लिए कड़े कानूनों का पालन करना जरूरी है।
  • प्राकृतिक आवास का संरक्षण: जन्तुओं के लिए उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित करना अत्यावश्यक है। इसके लिए वनों की कटाई को नियंत्रित करना और उनके आवासों को सुरक्षित रखना जरूरी है।
  • वन्यजीव संरक्षण परियोजनाएँ: विभिन्न सरकारें और संगठन वन्यजीव संरक्षण के लिए परियोजनाएँ चला रहे हैं, जो जन्तुओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य विलुप्त हो रही प्रजातियों का संरक्षण और उनके आवास का पुनर्निर्माण है।
  • शिक्षा और जागरूकता: जन्तुओं के संरक्षण के महत्व को समझाने के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है। इसके माध्यम से लोगों को पर्यावरण और जैव विविधता के प्रति उनकी जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।

जैव विविधता के खतरे:- जैव विविधता को कई खतरे हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • वनों की कटाई: वनों की कटाई से पौधों और जन्तुओं दोनों के आवास नष्ट होते हैं, जिससे जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • प्रदूषण: जल, वायु, और मृदा प्रदूषण जैव विविधता के लिए गंभीर खतरा है। प्रदूषण के कारण कई प्रजातियाँ नष्ट हो रही हैं।
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से जैव विविधता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। तापमान में वृद्धि, वर्षा के पैटर्न में बदलाव, और समुद्र के स्तर में वृद्धि से जैव विविधता के लिए खतरे बढ़ रहे हैं।
  • आवासी क्षेत्र का विस्तार: मानव जनसंख्या में वृद्धि के कारण जंगलों और अन्य प्राकृतिक आवासों को कृषि भूमि और शहरीकरण के लिए नष्ट किया जा रहा है, जिससे जैव विविधता को खतरा है।

जैव विविधता का संरक्षण:- जैव विविधता का संरक्षण करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • संरक्षण क्षेत्र: जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए वन्यजीव अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान, और बायोस्फीयर रिजर्व जैसी संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना करना आवश्यक है।
  • सतत कृषि पद्धतियाँ: कृषि में जैव विविधता के संरक्षण के लिए सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना चाहिए, जैसे कि जैविक खेती, जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का कम से कम उपयोग होता है।
  • वन पुनर्वास और वृक्षारोपण: वनों का पुनर्वास और वृक्षारोपण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वनों की कमी को पूरा किया जा सके और जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके।
  • शिक्षा और जागरूकता: जैव विविधता के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करना और जागरूकता फैलाना आवश्यक है। इसके लिए स्कूलों और समुदायों में विशेष कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं।

निष्कर्ष

पौधों और जन्तुओं का संरक्षण और जैव विविधता का संरक्षण हमारे पर्यावरण और जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। BSEB class 8th science chapter 12 Notes में इस विषय पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें विद्यार्थियों को जैव विविधता के महत्व और संरक्षण के उपायों के बारे में समझाया गया है। हमें जैव विविधता के महत्व को समझना चाहिए और इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि हमारी धरती पर जीवन का संतुलन बना रहे

और आने वाली पीढ़ियाँ भी इस समृद्धि का आनंद ले सकें।जैव विविधता हमारे पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका संरक्षण हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। पौधों और जानवरों का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद करता है बल्कि हमारे आर्थिक और वैज्ञानिक विकास में भी योगदान देता है। इसके संरक्षण के लिए वैश्विक, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

bihar board class 8 science notes समाधान हिंदी में

क्र० स ० अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

इस लेख में, हमने जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं, इसके महत्व, खतरों, और संरक्षण के तरीकों पर चर्चा की है। उम्मीद है कि यह जानकारी छात्रों को जैव विविधता के महत्व को समझने और इसके संरक्षण के प्रति जागरूक होने में मदद करेगी। जैव विविधता का संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है, और इसके लिए हमें अपने प्रयासों को एकजुट करना होगा।

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