विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव – BSEB Class 8th Science Chapter 10 Notes

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव विज्ञान का एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें विद्युत धारा के कारण विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। विद्युत धारा का प्रभाव केवल प्रकाश और ताप उत्पन्न करने तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह विभिन्न रासायनिक परिवर्तनों का कारण भी बन सकता है।

BSEB Class 8th Science Chapter 10 Notes

BSEB Class 8th Science Chapter 10 Notes में “विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव” पर विस्तार से चर्चा की गई है। इस लेख में हम इस अध्याय के महत्वपूर्ण बिंदुओं को सरल और समझने योग्य भाषा में प्रस्तुत करेंगे।

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव – BSEB Class 8th Science Chapter 10 Notes

विद्युत धारा का अर्थ है, विद्युत आवेशों का प्रवाह। जब किसी चालक माध्यम में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह होता है, तो उसे विद्युत धारा कहते हैं। विद्युत धारा के विभिन्न प्रकार के प्रभाव होते हैं, जैसे कि तापीय प्रभाव, चुम्बकीय प्रभाव और रासायनिक प्रभाव।

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का परिचय:- जब विद्युत धारा को किसी इलेक्ट्रोलाइट के माध्यम से प्रवाहित किया जाता है, तो उस इलेक्ट्रोलाइट में रासायनिक परिवर्तन होने लगते हैं। इस प्रक्रिया को विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव कहा जाता है। इस प्रभाव का उपयोग विभिन्न महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में किया जाता है, जैसे कि विद्युत अपघटन, विद्युतलेपन, और धातुओं का शुद्धिकरण।

विद्युत अपघटन (Electrolysis):- विद्युत अपघटन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें विद्युत धारा के प्रभाव से किसी इलेक्ट्रोलाइट का रासायनिक विघटन होता है। इसे समझने के लिए हमें इलेक्ट्रोलाइट और इलेक्ट्रोड्स की समझ होनी चाहिए।

इलेक्ट्रोलाइट: इलेक्ट्रोलाइट एक ऐसा पदार्थ होता है, जो जल या किसी अन्य विलायक में घुलने पर विद्युत धारा को प्रवाहित करने की क्षमता रखता है। आमतौर पर नमक, अम्ल, या क्षार इसके उदाहरण होते हैं।
इलेक्ट्रोड्स: इलेक्ट्रोड्स वे धात्विक प्लेटें होती हैं, जिन्हें विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट में डुबाया जाता है।

विद्युत अपघटन की प्रक्रिया:- जब किसी इलेक्ट्रोलाइट में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो वह आयनों में विघटित हो जाता है। विद्युत धारा के प्रभाव से इलेक्ट्रोलाइट में सकारात्मक आयन (कैटायन) और नकारात्मक आयन (एनायन) इलेक्ट्रोड्स की ओर आकर्षित होते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाएँ होती हैं, जिनके परिणामस्वरूप नए पदार्थ उत्पन्न होते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि हम नमक के पानी (NaCl के विलयन) में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं, तो वह सोडियम (Na⁺) और क्लोराइड (Cl⁻) आयनों में विघटित हो जाता है। इस प्रक्रिया में क्लोराइड आयन (Cl⁻) धनात्मक इलेक्ट्रोड (एनोड) पर जाकर क्लोरीन गैस के रूप में मुक्त होता है, और सोडियम आयन (Na⁺) ऋणात्मक इलेक्ट्रोड (कैथोड) पर जाकर सोडियम धातु के रूप में जमा हो जाता है।

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभावों के उपयोग:- विद्युत धारा के रासायनिक प्रभावों का उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं:

  • विद्युतलेपन (Electroplating): इस प्रक्रिया में किसी धातु की सतह पर दूसरी धातु की पतली परत चढ़ाई जाती है। इसे सजावट, संक्षारण से बचाने, और धातु की सतह की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, लोहे पर ताँबे की परत चढ़ाने के लिए विद्युतलेपन का उपयोग किया जाता है।
  • धातुओं का शुद्धिकरण (Purification of Metals): विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का उपयोग धातुओं के शुद्धिकरण में भी किया जाता है। इस प्रक्रिया को विद्युत परिष्करण (Electrorefining) कहा जाता है। इसमें अशुद्ध धातु को एनोड के रूप में और शुद्ध धातु को कैथोड के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • रासायनिक यौगिकों का निर्माण (Manufacturing of Chemicals): विद्युत धारा का उपयोग विभिन्न रासायनिक यौगिकों, जैसे कि हाइड्रोजन, क्लोरीन, और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के उत्पादन में किया जाता है।

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव की व्यावहारिक उपयोगिता:- विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का उपयोग केवल औद्योगिक प्रक्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका व्यावहारिक उपयोग भी किया जाता है:

  • बैटरियों का निर्माण: बैटरियों में विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का उपयोग ऊर्जा संचित करने के लिए किया जाता है। इसमें रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, जिससे विद्युत उपकरण चलाए जा सकते हैं।
  • धातुओं की सतह का उपचार: विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का उपयोग धातुओं की सतह के उपचार के लिए किया जाता है। इससे धातु की सतह को संक्षारण, घर्षण, और अन्य हानिकारक प्रभावों से बचाया जा सकता है।
  • पानी का अपघटन: विद्युत धारा के प्रभाव से पानी (H₂O) को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को जल का विद्युत अपघटन कहा जाता है, और इसका उपयोग हाइड्रोजन ईंधन के उत्पादन में किया जाता है।

निष्कर्ष

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विषय है, जो हमें विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं और उनके उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करता है। BSEB Class 8th Science Chapter 10 Notes में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है। विद्युत धारा के रासायनिक प्रभावों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है,

और यह हमारे दैनिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस विषय की गहराई से समझ विद्यार्थियों को विज्ञान की अन्य शाखाओं में भी मदद करती है और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती है।

bihar board class 8 science notes समाधान हिंदी में

क्र० स ० अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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