धातु एवं अधातु – Bihar board class 8 science chapter 16 notes

विज्ञान में, पदार्थों को उनके भौतिक और रासायनिक गुणों के आधार पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है। इनमें से दो प्रमुख वर्ग धातु (Metals) और अधातु (Non-metals) हैं। इन दोनों का हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है।

Bihar board class 8 science chapter 16 notes

Bihar Board Class 8 Science के Chapter 16 में धातुओं और अधातुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इस लेख में हम इसी अध्याय के नोट्स और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जो छात्रों को इस विषय को समझने में मदद करेगा।

धातु एवं अधातु – Bihar board class 8 science chapter 16 notes

धातु (Metals):- धातु वे तत्व होते हैं जिनमें विशिष्ट भौतिक और रासायनिक गुण पाए जाते हैं। यह गुण उन्हें अन्य तत्वों से अलग करते हैं। धातु आमतौर पर ठोस रूप में पाए जाते हैं और इनके कुछ मुख्य गुण निम्नलिखित हैं:

  • चमक (Luster):– धातुओं की सतह चमकीली होती है। जब धातु पर प्रकाश पड़ता है, तो वे चमकती हैं। इस चमक के कारण ही इन्हें विभिन्न आभूषण और सजावट के सामान में उपयोग किया जाता है।
  • धातुकता (Malleability): धातुओं में धातुकता का गुण पाया जाता है, जिसका अर्थ है कि इन्हें पीटकर पतली चादरों में बदला जा सकता है। उदाहरण के लिए, सोना और चांदी को पतली चादरों में बदला जा सकता है।
  • धारिता (Ductility): धातुओं को खींचकर तारों में बदला जा सकता है। यह गुण धातुओं को तारों के निर्माण में उपयोगी बनाता है। तांबा और एल्यूमिनियम इस गुण के अच्छे उदाहरण हैं।

उष्मीय और विद्युत चालकता (Thermal and Electrical Conductivity): धातु ऊष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं। इस गुण के कारण तांबा और एल्युमीनियम का उपयोग विद्युत तारों में होता है।

  • घनत्व (Density): धातुओं का घनत्व अधिक होता है, जिससे वे भारी होते हैं। उदाहरण के लिए, लोहे और सीसे का घनत्व उच्च होता है।
  • ध्वनि चालकता (Sonority): धातु पर चोट करने से वे ध्वनि उत्पन्न करते हैं, इसलिए इन्हें सोनोरस कहा जाता है। इस गुण का उपयोग घंटियों और संगीत वाद्यों में किया जाता है।

अधातु (Non-metals):- अधातु वे तत्व होते हैं जिनमें धातुओं के विपरीत गुण होते हैं। यह आमतौर पर ठोस, तरल या गैस के रूप में पाए जाते हैं। अधातुओं के कुछ मुख्य गुण निम्नलिखित हैं:

  • चमक का अभाव (Lack of Luster): अधातुओं में धातुओं जैसी चमक नहीं होती। इनमें से अधिकांश अधातु मटमैले होते हैं, जैसे कि सल्फर और फास्फोरस।
  • धातुकता और धारिता का अभाव (Lack of Malleability and Ductility): अधातु न तो धातुक होते हैं और न ही धारिता गुण प्रदर्शित करते हैं। इन्हें पीटकर चादरों में या खींचकर तारों में नहीं बदला जा सकता।
  • उष्मा और विद्युत के खराब चालक (Poor Conductors of Heat and Electricity): अधातु ऊष्मा और विद्युत के खराब चालक होते हैं। उदाहरण के लिए, कार्बन का एक रूप ग्रेफाइट, विद्युत का सुचालक है जबकि अन्य अधातु विद्युत का कुचालक होते हैं।
  • निम्न घनत्व (Low Density): अधातुओं का घनत्व कम होता है, जिससे वे हल्के होते हैं। उदाहरण के लिए, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन गैसें हैं जो वायुमंडल में हल्की होती हैं।
  • ध्वनि का अभाव (Non-sonorous): अधातु पर चोट करने से ध्वनि उत्पन्न नहीं होती। इस कारण इन्हें नॉन-सोनोरस कहा जाता है।

धातु और अधातु के उपयोग:- धातुओं और अधातुओं के भौतिक और रासायनिक गुणों के कारण उनके विभिन्न उपयोग होते हैं:

धातु के उपयोग:

  • निर्माण कार्य: लोहा और स्टील का उपयोग भवनों, पुलों और वाहनों के निर्माण में किया जाता है।
  • आभूषण: सोना, चांदी और प्लेटिनम का उपयोग आभूषणों में किया जाता है।
  • विद्युत उपकरण: तांबा और एल्युमीनियम का उपयोग विद्युत तारों और मोटरों में किया जाता है।
  • रसोई के बर्तन: स्टील और एल्युमीनियम का उपयोग रसोई के बर्तनों में किया जाता है।

अधातु के उपयोग:

  • वायुमंडलीय गैसें: ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे अधातु वायुमंडल में पाए जाते हैं और श्वसन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • खाद्य संरक्षण: सल्फर का उपयोग खाद्य संरक्षण में किया जाता है।
  • कृषि: नाइट्रोजन का उपयोग उर्वरक के रूप में किया जाता है।
  • औषधि: आयोडीन का उपयोग औषधियों में किया जाता है।

धातु और अधातु के मिश्रधातु:- धातुओं और अधातुओं को मिलाकर मिश्रधातु बनाई जाती है, जिसमें दोनों तत्वों के गुण होते हैं। कुछ प्रमुख मिश्रधातु निम्नलिखित हैं:

  • पीतल (Brass): यह तांबा और जस्ता का मिश्रधातु है। इसका उपयोग सजावट और ध्वनिक उपकरणों में किया जाता है।
  • कांसा (Bronze):यह तांबा और टिन का मिश्रधातु है। इसका उपयोग मूर्तियों और सिक्कों में किया जाता है।
  • स्टील (Steel):यह लोहा और कार्बन का मिश्रधातु है। इसका उपयोग भवन निर्माण, वाहनों और औद्योगिक उपकरणों में किया जाता है।

रासायनिक गुण:- धातुओं और अधातुओं के रासायनिक गुण भी उनके बीच अंतर करते हैं:

धातुओं के रासायनिक गुण:

  • ऑक्सीकरण: धातु ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर धातु ऑक्साइड बनाते हैं। उदाहरण के लिए, लोहे का ऑक्सीकरण होकर जंग बनता है।
  • अम्लों के साथ प्रतिक्रिया: धातु अम्लों के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं।
  • जल के साथ प्रतिक्रिया: कुछ धातु जल के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं, जैसे सोडियम।

अधातुओं के रासायनिक गुण:

  • ऑक्सीकरण: अधातु ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर अधातु ऑक्साइड बनाते हैं, जो आमतौर पर अम्लीय होते हैं।
  • हाइड्रोजन के साथ प्रतिक्रिया: अधातु हाइड्रोजन के साथ प्रतिक्रिया कर हाइड्राइड बनाते हैं, जैसे HCl।
  • क्षारों के साथ प्रतिक्रिया: अधातु क्षारों के साथ प्रतिक्रिया कर लवण बनाते हैं।

निष्कर्ष

धातु और अधातु विज्ञान के महत्वपूर्ण तत्व हैं जिनका हमारे जीवन में व्यापक उपयोग है। धातु अपने विशिष्ट गुणों के कारण निर्माण, आभूषण, और औद्योगिक कार्यों में महत्वपूर्ण हैं, जबकि अधातु वायुमंडल, चिकित्सा, और कृषि में अहम भूमिका निभाते हैं। Bihar Board Class 8 Science के Chapter 16 में धातुओं और अधातुओं के बारे में दी गई जानकारी छात्रों को इन तत्वों की गहरी समझ प्रदान करती है, जो उनकी विज्ञान की शिक्षा में आगे की नींव रखती है।

इस लेख में “Bihar Board Class 8 Science Chapter 16 Notes” के मुख्य बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिससे छात्र इस अध्याय को आसानी से समझ सकें और अपने अध्ययन में इसे उपयोग कर सकें।

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