कोशिका (Cell) जीवन की सबसे छोटी इकाई है, जो हर जीवित प्राणी की आधारभूत संरचना होती है। चाहे वह एकल-कोशिकीय जीव हो जैसे अमीबा, या बहुकोशिकीय जीव जैसे मनुष्य, हर जीव का निर्माण कोशिकाओं से ही होता है। Bihar Board Class 8 Science Chapter 14 Notes में कोशिकाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस लेख में हम इसी अध्याय के नोट्स और महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा करेंगे, जिससे छात्र इस अध्याय को सरलता से समझ सकें।
इस प्रकार, यह अध्याय छात्रों को जीवन की मूलभूत इकाई के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करता है, जो उनकी आगे की शिक्षा में भी सहायक सिद्ध होगा।
Bihar Board Class 8 Science Chapter 14 Notes – कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
कोशिका की संरचना:- कोशिका की संरचना को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि कोशिका के विभिन्न अंग कौन-कौन से हैं और वे किस प्रकार कार्य करते हैं।
- कोशिका झिल्ली (Cell Membrane): कोशिका झिल्ली एक पतली परत होती है जो कोशिका के अंदर और बाहर के परिवेश को अलग करती है। यह झिल्ली कोशिका के अंदर के तत्वों को संरक्षित करती है और बाहर के अवांछित तत्वों को प्रवेश करने से रोकती है।
- कोशिका द्रव्य (Cytoplasm): कोशिका झिल्ली के अंदर का द्रव्य जिसे साइटोप्लाज्म कहा जाता है, उसमें कोशिका के सभी अंग तैरते हैं। यह द्रव्य जीवद्रव्य और अन्य द्रवों का मिश्रण होता है, जिसमें कोशिका के आवश्यक क्रियाएं सम्पन्न होती हैं।
- नाभिक (Nucleus): कोशिका का नाभिक कोशिका का नियंत्रण केंद्र होता है। यह कोशिका के विकास, विभाजन और अन्य क्रियाओं का नियंत्रण करता है। नाभिक के अंदर DNA होता है जो आनुवंशिक जानकारी को संग्रहित करता है।
- माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा केंद्र कहा जाता है। यह कोशिका में ऊर्जा उत्पन्न करने का कार्य करता है।
- राइबोसोम (Ribosome): राइबोसोम छोटे-छोटे कण होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करते हैं।
- गोल्जी बॉडी (Golgi Body): यह कोशिका के अन्दर सामग्री के परिवहन और संशोधन का कार्य करती है।
- लाइसोजोम (Lysosome): लाइसोजोम कोशिका के अवांछित पदार्थों को नष्ट करने का कार्य करता है। इसे कोशिका का सफाईकर्मी भी कहा जाता है।
- केंद्रक (Nucleolus): नाभिक के अंदर एक और केंद्रक होता है जो राइबोसोम के निर्माण में सहायता करता है।
कोशिका का प्रकार:- कोशिकाओं को उनके संरचना और कार्य के आधार पर दो मुख्य प्रकारों में बांटा जा सकता है:
- प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokaryotic Cell): यह सबसे सरल प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं। इन कोशिकाओं में नाभिक का अभाव होता है और DNA एक गोलाकार रूप में पाया जाता है। बैक्टीरिया और नीला-हरा शैवाल इस प्रकार की कोशिकाओं के उदाहरण हैं।
- यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic Cell): यह जटिल प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं जिनमें स्पष्ट नाभिक पाया जाता है। इनके अंदर कई कोशिकीय अंग पाए जाते हैं जो विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। पौधे, जानवर, फंगस, और प्रोटिस्ट इस प्रकार की कोशिकाओं के उदाहरण हैं।
- कोशिका विभाजन:- कोशिका विभाजन (Cell Division) वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोशिकाएँ विभाजित होकर नई कोशिकाएँ बनाती हैं। यह प्रक्रिया जीवन की निरंतरता के लिए आवश्यक होती है।
- माइटोसिस (Mitosis): माइटोसिस एक प्रकार का कोशिका विभाजन है जिसमें एक कोशिका दो समान संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाती है। यह प्रक्रिया शरीर के विकास और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत के लिए आवश्यक होती है।
- मियोसिस (Meiosis): मियोसिस वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिका विभाजन के माध्यम से चार संतति कोशिकाएँ बनती हैं, जिनमें प्रत्येक में आधा आनुवंशिक सामग्री होती है। यह प्रक्रिया यौन प्रजनन के लिए आवश्यक होती है।
कोशिका सिद्धांत:- कोशिका सिद्धांत (Cell Theory) जीव विज्ञान का एक मौलिक सिद्धांत है जो यह बताता है कि:
- सभी जीवधारी कोशिकाओं से बने होते हैं।
- कोशिका जीवन की सबसे छोटी इकाई है।
- सभी कोशिकाएँ पहले से मौजूद कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं।
निष्कर्ष
कोशिका जीव विज्ञान का एक महत्वपूर्ण अध्याय है जो हमें जीवन की मूलभूत संरचना को समझने में सहायता करता है। Bihar Board Class 8 Science के Chapter 14 में कोशिकाओं के बारे में दी गई जानकारी न केवल छात्रों के लिए परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है,
बल्कि यह हमारे जीवन के हर पहलू को समझने के लिए भी आवश्यक है। कोशिका की संरचना और उसके कार्यों को समझकर हम जीवधारियों के जीवन चक्र और उनके विकास के बारे में अधिक गहराई से जान सकते हैं।