दहन और ज्वाला – Bihar Board Class 8 Science Chapter 1 Notes

Bihar Board Class 8 Science Chapter 1 Notes – हमारे विशेषज्ञों की मदद से तैयार किए गए ये कक्षा 8वी विज्ञानं दहन और ज्वाला का समाधान जिसमे गलती होने की संभावना कम है. ये नोट्स NCERT एवं SCERT बिहार पाठ्यक्रम पर बनाए गए हैं। जो बिहार बोर्ड की परीक्षाओं के नजरिए से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 1

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Bihar Board Class 8 Science Chapter 1 Notes – दहन और ज्वाला

दहन और ज्वाला विज्ञान का एक महत्वपूर्ण विषय है जो छात्रों को रसायन विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों से परिचित कराता है। इस अध्याय में हम दहन और ज्वाला के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

दहन:- दहन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ (साधारणतया ईंधन) ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया को हम आमतौर पर जलना या जलाना कहते हैं। जब कोई पदार्थ ऑक्सीजन के साथ संयोजित होता है और ऊर्जा मुक्त करता है, तो इसे दहन कहा जाता है।

दहन की आवश्यकताएँ:- दहन की प्रक्रिया के लिए तीन मुख्य तत्व आवश्यक होते हैं, जिन्हें दहन त्रिकोण कहा जाता है:

  • ईंधन (Fuel): यह वह पदार्थ होता है जो जलता है।
  • ऑक्सीजन (Oxygen): यह हवा में उपस्थित होती है और दहन के लिए आवश्यक होती है।
  • तापमान (Heat): दहन प्रक्रिया को आरंभ करने के लिए आवश्यक तापमान।

दहन के प्रकार:- दहन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

पूर्ण दहन (Complete Combustion):

  • यह तब होता है जब ईंधन पूरी तरह से ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है।
  • उत्पाद: कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और पानी (H₂O)।
  • उदाहरण: मेथेन का दहन: CH4​+2O2 → CO2​+2H2O

अपूर्ण दहन (Incomplete Combustion):

  • यह तब होता है जब ऑक्सीजन की मात्रा पर्याप्त नहीं होती है।
  • उत्पाद: कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और/या काली कार्बन (soot)।
  • उदाहरण: जब लकड़ी पूरी तरह नहीं जलती है तो धुआं निकलता है।

स्वत: दहन (Spontaneous Combustion):

  • यह तब होता है जब कोई पदार्थ बिना किसी बाहरी ऊष्मा स्रोत के स्वयं जलने लगता है।
  • उदाहरण: कुछ प्रकार की जैविक सामग्री जैसे कूड़े में उत्पन्न ताप के कारण जलना।

दहन के उत्पाद:- दहन के उत्पाद आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं:

  • गैसीय उत्पाद (Gaseous Products): जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, जल वाष्प, सल्फर डाइऑक्साइड आदि।
  • ठोस उत्पाद (Solid Products): जैसे कि राख, कार्बन कण आदि।

ज्वाला :- ज्वाला वह दृश्यता है जो दहन के दौरान उत्पन्न होती है। यह ऊष्मा और प्रकाश का एक स्रोत होती है। ज्वाला का रंग और तापमान उस पदार्थ पर निर्भर करता है जो जल रहा होता है।

ज्वाला के प्रकार:- ज्वाला को मुख्यतः तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

नीली ज्वाला (Blue Flame):

  • यह पूर्ण दहन को सूचित करती है।
  • उच्च तापमान और पूर्ण ऑक्सीकरण।
  • उदाहरण: गैस स्टोव पर जलती हुई गैस की ज्वाला।

पीली ज्वाला (Yellow Flame):

  • यह अपूर्ण दहन को सूचित करती है।
  • कार्बन कणों के कारण पीली होती है।
  • उदाहरण: मोमबत्ती की ज्वाला।

लाल ज्वाला (Red Flame):

  • यह कम तापमान और कम ऑक्सीजन को सूचित करती है।
  • आमतौर पर ठोस ईंधन के दहन में देखी जाती है।
  • उदाहरण: लकड़ी का जलना।

दहन की वास्तविक जीवन में उपयोगिता:- दहन की प्रक्रिया का उपयोग हम दैनिक जीवन में विभिन्न रूपों में करते हैं:

  • रसोई गैस (LPG): खाना पकाने के लिए।
  • वाहनों में ईंधन (Petrol, Diesel): वाहन चलाने के लिए।
  • औद्योगिक प्रक्रियाएँ: विभिन्न उद्योगों में गर्मी और ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए।

दहन और पर्यावरण:- दहन की प्रक्रिया पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव डालती है। अपूर्ण दहन से उत्पन्न धुआं और गैसें वायुमंडल को प्रदूषित करती हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएँ और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

पर्यावरणीय समस्याएँ

  • वायु प्रदूषण: दहन से उत्पन्न गैसें जैसे कि कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि वायु को प्रदूषित करती हैं।
  • ग्लोबल वार्मिंग: कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है।
  • अम्लीय वर्षा: सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड के कारण अम्लीय वर्षा होती है।

समाधान:- दहन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए हमें निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:

  • स्वच्छ ईंधन का उपयोग: जैव ईंधन, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि का प्रयोग।
  • प्रदूषण नियंत्रण तकनीक: औद्योगिक प्रक्रियाओं में फ़िल्टर और स्क्रबर का उपयोग।
  • ऊर्जा की बचत: ऊर्जा के संरक्षण और कुशल उपयोग की दिशा में प्रयास।

निष्कर्ष

दहन और ज्वाला विज्ञान का एक महत्वपूर्ण और व्यापक अध्ययन का विषय है। यह न केवल हमें रासायनिक प्रतिक्रियाओं के बारे में समझ प्रदान करता है, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी इसका व्यापक प्रभाव है। इस अध्याय में हमने दहन की परिभाषा, उसके प्रकार, उत्पाद, ज्वाला और पर्यावरण पर इसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।

हमें यह समझना चाहिए कि दहन की प्रक्रिया को नियंत्रित और सुधारित करके हम पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा के कुशल उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।

bihar board class 8 science notes समाधान हिंदी में

क्र० स ० अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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